संगीत का माध्यम हमें सिर्फ मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि यह हमें आद्यात्मिक अनुभव तक पहुँचाने का एक अद्वितीय साधन है। इसी अंश को और भी गहराई से महसूस कराने के लिए, गायिका अनुराधा पौडवाल और डीजे शेजवुड ने एक सांगीतिक उत्सव का आयोजन किया है, जिसका नाम है ‘राम लला घर आ गए ‘।
यह संगीतीय महोत्सव न केवल एक उद्घाटन की रूप में है, बल्कि इसमें छिपे आध्यात्मिक संदेशों का सुंदर सारांश है। ‘राम लला घर आ गए ‘ के माध्यम से, अनुराधा पौडवाल और डीजे शेजवुड हमें एक अद्वितीय सांगीतिक यात्रा पर लेकर जा रहे हैं, जिसमें भक्ति, साधना और आद्यात्मिक अनुभव का अद्वितीय संगम है।
इस गीत के माध्यम से सिर्फ राम भक्तों को एक नए स्वरूप में जोड़ने का प्रयास है, यह एक साधना है जो भगवान के साथ एक अद्वितीय संबंध स्थापित करने की कोशिश करती है। ‘राम लला घर आ गए ‘ एक मनोहर गीत है जो आध्यात्मिकता और संगीत की ऊँचाइयों को समाहित करता है, और इस महोत्सव को एक आद्यात्मिक आभा से सजाकर संगीतीय साकारता में रूपांतरित करता है।
संगीत निर्देशक केशवानंद भट्ट की निर्देशन में, इस संगीत यात्रा ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आध्यात्मिक सार को मजबूती से प्रस्तुत किया है। गीत ‘
राम लला घर आ गए ‘ के बोल और संगीत ने भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव में ले जाने का कारगर माध्यम बनाया है, जिससे प्रशंसा और भक्ति की भावना हर तार में बजती है।
इस नए संगीतीय यात्रा के माध्यम से, अनुराधा पौडवाल और डीजे शेजवुड ने संगीत को आध्यात्मिक अभिव्यक्ति का साधन बनाया है और भक्तों को एक अनूठे संगीतीय पर्व का आनंद लेने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान किया है। ‘राम लला घर आ गए ‘ के माध्यम से उन्होंने संगीत और आध्यात्मिकता को एक संगीतीय उत्सव में सजीव किया है, जो आत्मा को एक नए और मधुर स्वर में खोलने का अद्वितीय और सांगीतिक अनुभव प्रदान करता है।
‘राम लला घर आ गए’ का अनुराधा पौडवाल ने बताया आनंदपूर्ण अनुभव:
गाना ‘राम लला घर आ गए’ को अपने अनुभव से समझते हुए, अनुराधा पौडवाल ने बताया, “यह गीत मेरे लिए एक अद्वितीय अनुभव है, जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह की आध्यात्मिक सार को छूने का अवसर प्रदान करता है। इसमें भक्ति और आध्यात्मिक भावनाओं की गहराई है, और मैं मानती हूं कि यह एक सांगीतिक प्रयास है जो राम लला के नए स्वरूप की उपासना में हमें मिलाकर रहेगा।”
संगीतमय शुरुवात :
इस संगीत यात्रा को “संगीतमय शुरुवात ” कहना उचित है, क्योंकि यह भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव में ले जाने के लिए तैयार है और इसे एक दिव्य घटना का जश्न मनाने का साधन बनाता है।
डीजे शेजवुड का विचार:
गीत की धुन और भक्ति का तालमेल प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पवित्रता को दर्शाता है, जिसके बारे में डीजे शेजवुड ने कहा, “इस आध्यात्मिक गान के निर्माण और प्रस्तुति में योगदान करना एक गहन यात्रा रही है ।
गीत में धुनों और भक्ति का तालमेल प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पवित्रता को अद्भुतता से दर्शाता है।”
अवि पांडे और सागर अरोड़ा की परियोजना:
गतिशील जोड़ी अवि पांडे और सागर अरोड़ा द्वारा निर्मित, और प्रतिभाशाली मुकेश राज द्वारा लिखित, ‘राम लला घर आ गए’ एक उत्कृष्ट मिश्रण है जो भक्ति और संगीत की उत्कृष्टता का वादा करता है।
अवि पांडे और सागर अरोड़ा ने कहा, “यह आध्यात्मिक गान संगीत से कहीं अधिक है; यह एक हार्दिक श्रद्धांजलि है, विशाल प्राण प्रतिष्ठा समारोह में दिव्य उपस्थिति का जश्न मनाने वाली एक मधुर प्रार्थना है। सामंजस्य और भक्ति के माध्यम से, हम अयोध्या के केंद्र में पवित्र क्षण के साथ एक कालातीत संबंध बुनने की आकांक्षा रखते हैं।”
संगीत वीडियो:
विशेषज्ञ द्वारा निर्देशित किए गए संगीत वीडियो ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह की ऊर्जा और राम मंदिर के चारों ओर की दिव्य ऊर्जा को भव्यता के साथ प्रस्तुत किया है।
राम लला घर आ गए फुल song
विशाल श्रीवास्तव का विचार:
गाने ‘राम लला घर आ गए‘ पर अपने विचार साझा करते हुए, विशाल श्रीवास्तव ने कहा, “इस आध्यात्मिक राग का हिस्सा बनना एक समृद्ध अनुभव है। गीत केवल एक रचना नहीं है; यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह के प्रति श्रद्धा की गहरी अभिव्यक्ति है। राम लला का दिव्य सार हर स्वर में गूंजता रहे, दिलों को भक्ति में जोड़ता रहे।”
निष्कर्ष:
इस संगीतीय अनुभव से गुजरते हुए, यह स्पष्ट है कि ‘राम लला घर आ गए‘ एक अद्वितीय और आध्यात्मिक सांगीतिक प्रस्तुति है जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह को और भी अद्भुत बना रही है।
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