बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार को मंदिरों को अधिग्रहण से मुक्त करने और मंदिरों के दान से हज यात्रा को बंद करने की सलाह दी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जितने प्रसिद्ध मंदिर हैं, उनमें आने वाले दान से अस्पताल, गुरुकुल, और गरीब कन्याओं का विवाह कराया जाए। उन्होंने इसे भारत को विश्वगुरु बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम माना है।धीरेंद्र शास्त्री ने बागेश्वरधाम में आयोजित अपने राम कथा के मंच पर यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि आगामी 5 मार्च को आयोजित होने वाले संत समागम में इस मामले पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने यदि सरकार इसे नहीं किया तो वे केंद्र सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ करेंगे और जरूरत पड़ी तो अयोध्या से मथुरा तक की पदयात्रा भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि 5 मार्च को सभी मंदिरों के आचार्यों, पुजारियों को आना चाहिए, वरना स्थिति बहुत ही विचित्र हो सकती है। उन्होंने यह भी दिखाया कि मंदिरों से सिर्फ दान पात्र से आने वाले रुपयों का अड्डा नहीं होगा, बल्कि मंदिरों के दान से केवल मंदिरों का विकास ही नहीं होगा, बल्कि समाज का विकास भी होना चाहिए। यदि समाज का विकास नहीं होगा तो भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता।
मंदिरों के सरकारी अधिग्रहण के खिलाफ उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, और अगर यह होता है, तो वे एक साल बाद 11सौ कुंडीय यज्ञ करवाकर भारत सरकार को समझाने की कोशिश करेंगे। फिर भी सरकार अपनी बात न मानी तो वे अयोध्या से मथुरा तक की यात्रा का आयोजन करेंगे।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह भी कहा कि इस यात्रा को भूला नहीं जाएगा, और न किसी को भूलने दिया जाएगा। उन्होंने समझाया कि चुप रहना कायरता नहीं है, बल्कि हमारे संस्कार हैं कि हम विनम्र रहते हैं, पर जब जरूरत पड़ती है तो हम अपनी बात ज़रूर कहते हैं।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बहुत ही महत्वपूर्ण बातें कही हैं। उन्होंने कहा है कि आने वाले 5 मार्च को बागेश्वरधाम में सभी संतों को आमंत्रित किया जाएगा। इसमें अनिरुद्धाचार्य, प्रदीप मिश्रा सहित कई विशिष्ट महात्माएं भाग लेंगी। उन्होंने कहा कि इस दिन नई क्रांति की शुरुआत होगी, और इसके बाद हिन्दू राष्ट्र की यात्रा शुरू होगी।
धीरेंद्र शास्त्री का बयान समाज में गहरा प्रभाव डाला है। लोग उनके इस सुझाव का समर्थन कर रहे हैं और सरकार से उनकी मांग को लेकर अभियान चला रहे हैं। धर्मिक स्थलों को सामाजिक कार्यों में लगाने की यह पहल एक नई सोच को प्रेरित कर रही है। लोग विश्वगुरु बनने के सपने को साकार करने के लिए उत्साहित हैं और इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।धीरेंद्र शास्त्री के बयान ने सामाजिक जागरूकता को बढ़ाया है और लोगों को समाज सेवा के प्रति जागरूक किया है। उन्होंने एक सकारात्मक संदेश दिया है और समाज को एकजुट करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
अयोध्या से मथुरा तक की पदयात्रा करेंगे
बागेश्वर बाबा ने कहा कि अगर सरकार हमें सुनने को तैयार नहीं है, तो हम अयोध्या से मथुरा तक की यात्रा करेंगे। उन्होंने एक शायराना अंदाज में कहा कि हमें मंदिरों में भीड़ और सड़कों पर तूफान चाहिए, रामराज्य से भरा हमें हिंदुस्तान चाहिए।बागेश्वर बाबा ने जनता से कहा कि हमें एक जैसा रहना चाहिए। एक दिन एक व्यक्ति ने अली-अली कहा तो लोग तालियां बजा रहे थे, लेकिन हमने ऐसा कुछ नहीं कहा, हमने कहा हरि-हरि, क्योंकि यहाँ अली का नहीं बजरंगबली का देश है।उन्होंने कहा कि यह हनुमानजी का मंच है, हरि-हरि चलेगा, हरा नहीं चलेगा। उन्होंने समझाया कि हमें सबका सम्मान करना चाहिए और एकता में रहना चाहिए। वे आगे बढ़कर समय की मांग की और सरकार को चेताया कि वे जल्दी से उनके मांगों पर ध्यान दें।